Friday, September 20, 2019

कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बड़ा झटका :पांच बड़ी ख़बरें

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान लगभग अपने हर बयान में कहते रहे हैं कि वो कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय पटल पर इस तरह पेश करेंगे जैसा पहले कभी नहीं किया गया. लेकिन जेनेवा में चल रही संयुक्त राष्ट्र की 42वीं बैठक में पाकिस्तान को प्रस्ताव लाने के लिए भी पर्याप्त देशों का समर्थन नहीं मिला.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, ज़्यादातर सदस्य राष्ट्रों ने पाकिस्तान को इसके लिए समर्थन देने से इनक़ार कर दिया.
सबसे ख़ास बात यह रही कि पाकिस्तान को ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) में शामिल 57 देशों तक का समर्थन नहीं मिला.
ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक कॉ-ऑपरेशन (ओआईसी) 57 देशों का समूह है, जो मोटे तौर पर इस्लाम को मानने वाले देशों से मिलकर बना है.
भारत के लिहाज़ से यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक जीत है.
यूएनएचआरसी में हिस्सा लेने के लिए भारत की ओर से गई राजनयिक टीम का अजय बिसारिया ने नेतृव किया.
महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासिक में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने विपक्षी दलों पर तल्ख़ टिप्पणी की.
उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर भी टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, "यह फ़ैसला कश्मीरियों को चली आ रही हिंसा, आतंकवाद और अलगाववाद से बचाने के लिए लिया गया है. कश्मीर के लोग बीते चालीस सालों से दिल्ली की सरकार के ग़लत फ़ैसले का ख़ामियाज़ा भुगत रहे थे. जिसकी वजह से 42 हज़ार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी."
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां देश हित में लिए गए सरकार के इस क़दम पर विपक्षी पार्टी के नेताओं को समर्थन करना चाहिए था वहीं वे आलोचना करने में लगे हुए हैं.
उन्होंने कहा, "एक ओर जहां कश्मीर पर लिए गए फ़ैसले पर पूरा देश एक है वहीं कांग्रेस और एनसीपा के नेता कोई सहोयोग नहीं कर रहे हैं."
नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कांग्रेस के नेता कुछ ऐसे बयान दे रहे हैं जिसका इस्तेमाल दूसरे देश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एस तरह का व्यवहार तो समझ आता है लेकिन शरद पवार का नहीं.
उन्होंने कहा, "बुरा महसूस होता है जब कोई वरिष्ठ नेता वोटों के लिए इस तरह के ग़लत बयान देते हैं. उन्होंने कहा कि वो पड़ोसी देश को पसंद करते हैं लेकिन हर किसी को पचा है कि आतंक की जड़ कहां है."
मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी इलाके के उपनगरीय क्षेत्रों में गुरुवार देर रात गैस लीक होने की शिकायतें मिलीं इसके बाद से ही फ़ायर ब्रिगेड और बीएमसी सक्रिय हैं.
मुंबई महानगर पालिका से जुड़ी सभी एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है. उन इलाकों में जहां से गैस की बदबू आने की शिकायतें मिली हैं, फायर ब्रिगेड के नौ फायर इंजन भेजे गए हैं.
गैस लीक होने के सोर्स का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
लॉ की एक छात्रा के साथ कथित रेप के अभियुक्त चिन्मयानंद को डॉक्टरों ने लखनऊ रेफ़र किया, लेकिन वह अपना इलाज आयुर्वेद से कराने की बात कहकर मेडिकल कॉलेज से अपने आश्रम चले गए.
चिन्मयानंद को स्वास्थ्य ख़राब होने के कारण शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां हालत ज्यादा ख़राब होने के बाद उन्हें डॉक्टरों ने लखनऊ रेफ़र कर दिया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर उन्हीं के लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा ने शोषण, अपहरण और धमकाने का आरोप लगाया है.

Tuesday, May 21, 2019

बीजेपी ने हमारे 10 विधायकों को पैसे और पद का लालच दिया- कमलनाथ: प्रेस रिव्यू

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को दावा किया कि उनके करीब 10 विधायकों को बीजेपी ने फोन कर पार्टी बदलने के लिए पैसे और पद का लालच दिया.
ये खबर हिंदुस्तान टाइम्स अखबार की है. 230 विधान सभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में कांग्रेस बहुतम में है. हालांकि बीजेपी से उसकी सीटों का अंतर ज़्यादा नहीं है.
कमलनाथ का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब एक दिन पहले ही बीजेपी ने राज्य विधान सभा में विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की थी. बीजेपी ने ये संकेत भी दिए थे कि वो कांग्रेस सरकार से फ्लोर टेस्ट की मांग भी कर सकती है.
बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कमलनाथ के आरोपों को खारिज किया है.
चुनाव आयोग ने मंगलवार को 2:1 के बहुमत से फैसला किया कि आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामलों के अंतिम आदेश में अल्पमत की राय को शामिल नहीं किया जाएगा.
द हिंदू अखबार के मुताबिक फैसले में ये भी कहा गया कि अल्पमत की राय को पहले की तरह सिर्फ आंतरिक फाइलों में ही दर्ज किया जाएगा.
दरअसल चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने तीन बार मुख्य चुनाव आयुक्त सुनिल अरोड़ा को चिट्ठी लिखकर कहा था कि अगर अल्पमत की राय को आदेशों में शामिल नहीं किया गया तो वो आचार सहिंता उल्लंघन से जुड़ी बैठकों में शामिल नहीं होंगे.
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद ये कहा जा रहा है कि अशोक लवासा आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों के मामलों की कार्यवाही में नहीं जाना जारी रखेंगे.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों के मीडिया एवं पत्रकारों से बातचीत पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है.
इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक आदेश के अनुसार इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों पर 'दंडात्मक कार्रवाई' की जाएगी.
मज़बूत घरेलू खपत और निवेश से साल 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है.
जनसत्ता अखबार के मुताबिक हालांकि यह इस साल जनवरी में जताए गए 7.4 फीसदी के अनुमान से कम है.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है.
संयुक्त राष्ट्र की 2019 मध्य के लिए विश्व आर्थिक स्थिति तथा संभावना (डब्लूईएसपी) रिपोर्ट में दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय उत्पादन में दो तिहाई हिस्सेदारी रखने वाले भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 7.2 फीसदी थी.
आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन कर्ज़ मामले में चंदा कोचर और उनके पति से चल रही पूछताछ के बारे में लगातार खबरें लीक होने को लेकर यह कार्रवाई की गई है.
ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्रा ने इस संबंध में मंगलवार को एक पृष्ठ का निर्देश पत्र जारी किया.

Wednesday, January 9, 2019

البشير: يتآمرون من أجل إذلال وتركيع السودان

قال الرئيس السوداني، عمر البشير، خلال تظاهرة مؤيدة له في الخرطوم،الأربعاء، إن هناك جهات تتآمر على بلاده وتسعى لتركيع وإذلال السودان، وجدد دعوته لحاملي السلاح بالعودة عما يفعلون، والمساهمة في بناء البلاد من خلال الحوار.
وشدد البشير أمام تجمع دعت إليه منسقية أحزاب الحوار الوطني على أنه لا بديل عن الحوار الوطني والرجوع للانتخابات، لافتا إلى أن هناك من " لديهم أجندات خارجية"، وأن الشعب السوداني هو من يقرر من يحكمه عبر انتخابات حرة ونزيهة.
وجدد دعوته لحاملي السلاح بالعودة، وتحكيم العقل، والمساهمة في بناء السودان، مؤكدا أن الشعب السوداني هو الذي سيختار من يحكمه عبر صناديق الانتخابات.
وأشاد البشير بالقوات المسلحة السودانية "التي حافظت على البلاد وقدمت الشهداء"، كما قدم التحية لقوات الأمن والشرطة التي "تعاملت بشكل حضاري مع المتظاهرين السلميين"
ويأتي خطاب البشير، بعدما تسببت الأزمة الاقتصادية التي يمر بها السودان في اندلاع احتجاجات واسعة من السودان، انطلقت في 19 من الشهر الماضي في مدينة عطبرة شمالي البلاد، مطالبة بضرورة الإصلاح ووضع حد للفساد ومعالجة آثار الأزمة الاقتصادية المتفاقمة،
لكن سرعان ما امتدت الاحتجاجات إلى مدن عدة من بينها العاصمة الخرطوم، حيث وقعت صدامات بين قوات الأمن ومحتجين، أسفرت عن سقوط قتلى وجرحى.تزداد معاناة اللاجئين السوريين في لبنان وتسببت الثلوج بمحاصرة عشرات الأشخاص على طرقات المناطق الجبلية، في حين حذرت القوى الأمنية المواطنين من سلوك طرقات يهددها تساقط الثلوج، كضهر البيدر الذي يشكل الشريان الأساسي الذي يربط ساحل لبنان بداخله.
وتسببت العاصفة "نورما" بأمطارها الغزيرة بطوفان أنهار ساحلية غمرت الطرقات والمباني المحيطة، كما حصل في منطقة ضبية، شمالي بيروت، التي اضطر عابرو طرقاتها إلى الاستعانة بالقوارب لاجتيازها.التقى وزير الخارجية الأميركي، مايك بومبيو الذي وصل، الأربعاء، إلى بغداد في زيارة غير معلنة مسبقا، رئيس مجلس النواب محمد الحلبوسي ومسؤولين عراقيين آخرين.
ونقلت "فرانس برس" عن بيان صادر عن مجلس النواب العراقي إن "رئيس مجلس النواب محمد الحلبوسي استقبل وزير الخارجية الأميركي مايك بومبيو، في حضور لجنة العلاقات الخارجية النيابية."
وتأتي هذه الزيارة بعد أقل من أسبوعين على زيارة الرئيس الأميركي، دونالد ترامب الى العراق والتي تفقد خلالها القوات الأميركية من غير أن يلتقي أي مسؤولين.
وكان وزير الخارجية الأميركية قد بدأ، الثلاثاء، من الأردن جولته في المنطقة، وفي جعبته ملف إيران الساخن فضلا عن الحرب ضد داعش والإرهاب وملفات سوريا وغيرها.
وأكد بومبيو خلال مؤتمر صحفي مع نظيره الأردني أيمن الصفدي أن الولايات المتحدة تضاعف جهودها الدبلوماسية والتجارية لـ"ممارسة ضغط حقيقي على إيران".
مع اشتداد العاصفة "نورما"، والتي أغرقت مخيماتهم بمياه الأمطار، ودمرت أعدادا كبيرة من خيامهم، وحصدت أول قتيلة، وهي طفلة تبلغ من العمر ثماني سنوات.
وأعلن الدفاع المدني في لبنان، الأربعاء، العثور على جثة طفلة سورية قضت غرقا في مجرى نهر شتوي بالمنية شمالي لبنان.
وقالت مصادر الدفاع المدني، إن الفتاة كانت تحاول العبور من ضفة إلى أخرى مستعينة بقطعة خشب، وقد عثر عليها في أحد الحقول الواقعة بالمنطقة، وذلك بعدما انخفض منسوب مياه النهر.
وأغرقت العواصف في لبنان مخيمات اللاجئين السوريين بمياه الأمطار ودمرت الخيام وأتلفت الحشايا (المراتب) والمواد الغذائية، وزادت من بؤس سكانها، الذين يجدون صعوبة في تحمل رياح الشتاء القوية والبرد القارس.
وهجر لاجئون في مناطق سهلية مخيماتهم بعدما غمرتها مياه أنهار محيطة، كما حصل في قرى البقاع الأوسط شرقي لبنان.
وسارع ناشطون مدنيون لاستحداث مراكز إيواء وإغاثة لاستقبال اللاجئين في ظل غياب لافت للمنظمات والمؤسسات الإغاثية الدولية والمحلية.
وقالت مفوضية الأمم المتحدة السامية لشؤون اللاجئين، الثلاثاء، إن العاصفة أغرقت أو دمرت بشكل كامل 15 مستوطنة غير رسمية من بين 66 مستوطنة على الأقل "تضررت بشدة".

Friday, December 21, 2018

بريطانيا: سنتخذ موقفا تجاه المتورطين في قتل خاشقجي بعد التحقيقات التركية

أعلن وزير الخارجية البريطاني جيرمي هانت، أن بلاده تتنظر انتهاء تركيا من التحقيق في قضية مقتل الصحفي السعودي جمال خاشقجي، لكي تتخذ موقفا تجاه الأطراف المتورطة فيها.
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مجلس الشيوخ الأمريكي يتبنى بالإجماع قرارا يحمل بن سلمان المسؤولية عن مقتل خاشقجي
وأضاف هانت، في كلمته أمام مجلس العموم البريطاني، اليوم الأربعاء، أن "القضية لم تنته، ونحن نعتقد أنه لم توضع حتى الآن كل الحقائق على الطاولة"​​​.
وقال: "نحن في انتظار التحقيقات التركية، وحينها سيكون لنا موقف".
وتواجه السعودية انتقادات واتهامات واسعة عالميا على خلفية مقتل خاشقجي، الذي عاش في الولايات المتحدة بعد تولي بن سلمان ولاية عهد المملكة وكتب مقالات لصحيفة "واشنطن بوست" انتقد فيها سياسات القيادة السعودية قبل اغتياله يوم 2 أكتوبر في قنصلية بلاده باسطنبول على يد فريق أمني من السعودية.
حكم القضاء الكويتي اليوم بعدم دستورية مادة في اللائحة الداخلية لمجلس الأمة تخص إسقاط عضوية النواب، في خطوة تمهد الطريق لإسقاط عضوية النائبين المعارضين وليد الطبطبائي وجمعان الحربش.
وأفادت وكالة "كونا" الكويتية الرسمية اليوم الأربعاء بأن المحكمة الدستورية قضت بعدم دستورية المادة الـ16 من اللائحة الداخلية لمجلس الأمة، ويحرم هذا القرار عمليا البرلمان من إبداء الكلمة الفصل في قضية النائبين المعارضين المقيمين خارج البلاد.
وسبق أن تحدى مجلس الأمة في أكتوبر الماضي حكومة البلاد، إذ صوت ضد إسقاط عضوية الطبطبائي، النائب السلفي المستقل، والحربش المنتمي للحركة الدستورية الإسلامية (المرتبطة بجماعة "الإخوان المسلمين")، وذلك رغم صدور حكم نهائي في نوفمبر تشرين الثاني 2017 بحبس كل منهما ثلاث سنوات وستة أشهر في القضية المعروفة إعلاميا بـ"دخول مجلس الأمة".
تعود هذه القضية إلى نوفمبر 2011، حين اقتحم مجموعة من النواب والمتظاهرين مجلس الأمة ودخلوا قاعته الرئيسية، احتجاجا على أدائه في ظل سيطرة النواب الموالين للحكومة عليه، وطالبوا باستقالة رئيس الوزراء آنذاك الشيخ ناصر المحمد الصباح متهمين إياه بالفساد.
وبغض النظر عن استقالة الشيخ ناصر بعد أيام من ذلك وتعيين الشيخ جابر المبارك خلفا له وإجراء انتخابات نيابية عدة مرات منذ ذلك الحين، إلا أن القضية ظلت متداولة في أروقة المحاكم، حتى إصدار محكمة التمييز، وهي أعلى هيئة قضائية في البلاد، حكما يقضي بسجن عدد من المتهمين، بينهم الحربش والطبطبائي اللذان غادرا البلاد وقت إصدار الحكم.
وأشار المسؤول، في حديث لوكالة "رويترز"، إلى أن من المتوقع أن تكتمل هذه العملية خلال 24 ساعة.
ويأتي هذا التطور بالتزامن مع إعلان البيت الأبيض، الأربعاء، أن الولايات المتحدة بدأت سحب قواتها المنتشرة في سوريا من أراضي البلاد، مشيرة إلى انتقال الحملة الأمريكية ضد "داعش" هناك إلى مرحلة جديدة.
وعلى الرغم من غياب أي علاقات دبلوماسية لها مع الإدارة السورية بقيادة الرئيس، بشار الأسد، الذي تتهمه واشنطن بارتكاب جرائم حرب ضد مواطني بلاده، إلا أن الولايات المتحدة أرسلت في الفترة الماضية فرقا من دبلوماسييها للبلاد انتشروا في الأراضي التي تسيطر عليها وحداتها العسكرية أو حلفاؤها.
 وذكر وزير الدفاع الأمريكي، جيمس ماتيس، في أواخر 2017، أن موظفي الخارجية الأمريكية كانوا يعملون في سوريا على الإسهام في "الإعادة المبدئية للخدمات وإحضار المتعاقدين"، وعلى إدارة الأموال التي جرى تخصيصها لمهمات محاربة "داعش"، وكذلك "تدريب القوات المحلية على إزالة العبوات الناسفة بدائية الصنع والسيطرة على الأراضي لضمان عدم عودة التنظيم".
وفي 2 أكتوبر 2018 أعلن ماتيس عن تضاعف عدد الدبلوماسيين الأمريكيين في سوريا، مضيفا: "وسط ما نشاهده من تقلص في العمليات العسكرية، سنرى أنه يتسنى للجهد الدبلوماسي أن يترسخ"

Wednesday, December 5, 2018

طهران تؤيد المفاوضات اليمنية في السويد وتعرض المساعدة في حل النزاع

أعربت إيران عن دعمها لمفاوضات السلام التي تنطلق الأسبوع الجاري في السويد بين الحكومة اليمنية المعترف بها دوليا وجماعة الحوثيين، وأبدت استعدادها للإسهام في إنهاء النزاع في اليمن.
ورحبت الخارجية الإيرانية في بيان أصدرته اليوم بعقد جولة جديدة من الحوار بين طرفي النزاع في ستوكهولم تحت إشراف الأمم المتحدة، مشددة على أن مساعي إنهاء الصراع والكارثة الإنسانية في اليمن "مسؤولية تاريخية لعالم اليوم".
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ودعت الخارجية الإيرانية جميع الأطراف اليمنية إلى المشاركة البناءة والمسؤولة في المفاوضات واتخاذ خطوات لبناء الثقة من أجل وضع أرضية للوصول إلى تفاهم شامل "ينهي آلام ومعاناة الشعب اليمني والحصار الظالم المفروض عليه".
وأبدى البيان استعداد الجمهورية الإسلامية للتعاون مع المجتمع الدولي في سبيل إنهاء الأزمة اليمنية في أسرع وقت ممكن، مشددا على أهمية الإسراع في إيصال المساعدات الإنسانية إلى اليمنيين المحتاجين.
وذكرت الخارجية الإيرانية أن طهران اتبعت منذ بداية الحرب "نهجا شاملا لحل الأزمة"، مطالبة المجتمع الدولي بممارسة الضغوط على الدول المصدرة للأسلحة إلى التحالف العربي الذي تقوده السعودية ضد الحوثيين، والسماح للشعب اليمني بتقرير مصيره بعيدا عن التدخلات الأجنبية.
وتحمّل دول التحالف العربي والولايات المتحدة وحلفاؤها الجمهورية الإسلامية الإيرانية المسؤولية عن إطالة أمد الأزمة اليمنية عبر تقديمها دعما إلى الحوثيين، وذلك فيما لا تزال الأمم المتحدة تدق ناقوس الخطر بشأن ما تصفه بـ"أسوأ أزمة إنسانية في العالم".
وستجري الجولة المقبلة من مفاوضات السلام من 6 إلى 14 ديسمبر الجاري، وذلك بعد فشل الجولة السابقة من الحوار، التي عقدت
رفع ناشط سعودي معارض مقرب من الصحفي جمال خاشقجي الذي قُتل في قنصلية المملكة باسطنبول أوائل أكتوبر الماضي دعوى قضائية ضد شركة  الإسرائيلية متهما إياها بالتورط في القضية المدوية.
وقدم الناشط عمر عبد العزيز (27 عاما) المقيم في مونتريال الكندية دعوى إلى محكمة إسرائيلية ضد الشركة التي سبق أن اتُّهمت ببيع برامج تجسس إلى بعض الحكومات في المنطقة والعالم، تستخدم لاحقا في انتهاكات حقوق الإنسان، وكان الموظف السابق في الاستخبارات الأمريكية، إدوارد سنودن، قد أكد ضلوع  بالتنصت على اتصالات خاشقجي.
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سنودن يكشف عن "رواية كبيرة لم تتم كتابتها بعد" عن مقتل خاشقجي
وقال عبد العزيز إن الحكومة السعودية قبل أشهر من قتل خاشقجي كانت على علم بشأن المشاريع المعارضة المشتركة بين الصحفي والناشط المقيم في كندا، وذلك عبر التنصت على هاتف الأخير.
وتابع الناشط أنه تعرض قبل بدء التجسس لضغوط من قبل مسؤولين مقربين من ولي العهد السعودي محمد بن سلمان، موضحا أن اثنين من "وكلاء العمليات" التقياه في مونتريال خلال شهر مايو الماضي، بعد أشهر من "إغراقه" برسائل في محاولة لإقناعه بالعودة إلى المملكة.
وأشار الشخصان إلى إن المستشار السابق في الديوان الملكي، سعود القحطاني الذي تم إعفاؤه لاحقا من منصبه ضمن إطار التحقيقات في مقتل خاشقجي، هو من أرسلهما إلى كندا.
وأضاف عبد العزيز أن أحد هذين الشخصين أوضح له أثناء ذلك اللقاء الذي سجله سريا أن الحكومة السعودية قد تدفع له مبالغ هائلة في حال عودته، وإلا فإنه يواجه خطر السجن.
وتابع الوكيلان أن خاشقجي كان ينظر في إمكانية العودة، مضيفا أن عبد العزيز، إذا قرر العودة، سيتيح له بعد يوم من وصوله إلى المملكة لقاء ولي العهد السعودي وبحث كل المواضيع معه، مضيفين أن غرفة قد احتجزت لعبد العزيز في أحد فنادق جدة.
ورفض عبد العزيز هذا الاقتراح كما لم يستجب لطلب السلطات السعودية زيارة سفارة المملكة في أوتاوا لمواصلة المشاورات.
وفي يونيو، استلم عبد العزيز عبر هاتفه رسالة تضم، حسب نص الدعوى، رابطا مؤديا إلى برنامج تجسس منتج من قبل  .
وفي أغسطس أبلغته مجموعة الدراسات   العاملة على أساس جامعة تورونتو بأن هاتفه تعرض للخرق، وكشفت لاحقا أن الحكومة السعودية كانت وراء العملية.
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شركة " " الإسرائيلية ترد على اتهامها من سنودن بالتورط في مقتل خاشقجي
وقال عبد العزيز إن قوات الأمن السعودية داهمت منزل عائلته، بالتزامن مع استلامه رسالة خبيثة، واعتقلت شقيقيه دون توجيه التهمة إليهما، مضيفا أنه حصل على معلومات عن تعرضهما للتعذيب، لكن دون تقديم أي أدلة تثبت هذا الاتهام.
وكان عبد العزيز يبحث مع خاشقجي مشروعا لإطلاق حملات في مواقع التواصل الاجتماعي بغية التصدي للدعاية الرسمية السعودية، واستثمر الصحفي في هذا المشروع خمسة آلاف دولار.
واتهمت "منظمة العفو الدولية" شركة  الأسبوع الماضي بمساعدة الحكومة السعودية في التجسس على موظفيها، مشددة على إمكانية اتخاذ خطوات قانونية ضد الشركة بعد رفض وزارة الدفاع الإسرائيلية حرمان  من الرخصة لتصدير برامج وأجهزة التجسس إلى دول أخرى.
وردا على ذلك، أصدرت الشركة أمس بيانا ذكرت فيه أن هدف منتجاتها الوحيد هو مساعدة الحكومات وأجهزة حفظ النظام على محاربة الإرهاب والجريمة، وهي لا تبرم عقودا إلا بموافقة الحكومة الإسرائيلية.
وتابعت الشركة أنها، في حال ثبوت سوء استخدام منتجاتها من قبل طرف خارجي، تتخذ خطوات مناسبة، بما في ذلك تجميد الصفقة أو إلغاؤهافي جنيف أوائل سبتمبر الماضي، لعدم حضور وفد الحوثيين للمشاورات، وسط تبادل الطرفين الاتهامات بنسف التفاوض

Tuesday, November 20, 2018

الحرب في اليمن: الحوثيون يعلنون مبادرة وقف الهجمات على دول التحالف بقيادة السعودية

أعلن الحوثيون في اليمن مبادرة لوقف الهجمات بالطائرات بدون طيار والصواريخ على دول التحالف العسكري المناوئ لهم بقيادة السعودية، وذلك في استجابة لطلب من منظمة الأمم المتحدة.
ويأتي هذا بعد أوامر من التحالف بوقف هجوم على ميناء الحديدة الرئيسي في اليمن.
وتسعى الأمم المتحدة لإحياء محادثات السلام لإنهاء الحرب المستمرة منذ ثلاث سنوات والتي راح ضحيتها أكثر من عشرة آلاف شخص ودفعت الملايين من اليمنيين إلى حافة المجاعة.
وتقدم بريطانيا في وقت لاحق الاثنين مشروع قرار لمجلس الأمن التابع للأمم المتحدة لوقف إطلاق النار في اليمن والسماح بوصول المساعدات الإنسانية إلى المحتاجين.
وجاء إعلان موقف الحوثيين في بيان لمحمد علي الحوثي رئيس "اللجنة الثورية العليا" التابعة لحركة أنصار الله الحوثية.
وقال الحوثي "نعلن عن مبادرة وندعو الجهات الرسمية إلى التوجيه بوقف إطلاق الصواريخ والطائرات المسيرة على دول العدوان لإسقاط أي مبرر لاستمرار العدوان والحصار".
وأشار البيان، الذي حصلت بي بي سي على نسخة منه، إلى أن المبادرة جاءت بعد طلب من مارتن غريفيث بوقف إطلاق الصواريخ واستخدام الطائرات بدون طيار "دعما لجهوده وتعزيز السلام".
كما أعرب الحوثيين في البيان عن استعدادهم لوقف العمليات العسكرية "في كافة الجبهات" وذلك "إذا كان تحالف العدوان يريد السلام".
ويأتي بيان الحوثيين بعد يوم من إعلان مبعوث الأمم المتحدة مارتن غريفيث أن المنظمة الدولية تلقت تأكيدات بحضور أطراف الصراع مؤتمرا تعقده للتوصل لحل سلمي للأزمة المتفاقمة في اليمن.
قال الرئيس الأمريكي، دونالد ترامب، إنه تلقى معلومات وافية عن تسجيل متعلق بقتل الصحفي السعودي، جمال خاشقجي، مضيفا أنه لن يستمع إليه بنفسه.
وأوضح ترامب أنه يعرف كل ما جاء في التسجيل، واصفا إياه بأنه "تسجيل فظيع".
ووصف ترامب التقارير، التي أفادت بأن وكالة الاستخبارات المركزية الأمريكية (سي آي أي) خلصت إلى أن ولي العهد السعودي، محمد بن سلمان، أمر بقتل الصحفي، بأنها "استبقت الأحداث".
وبحسب وسائل إعلام أمريكية، فإن وكالة الاستخبارات توصلت من خلال فحص الأدلة التي عندها إلى أن "بن سلمان أمر بقتل خاشقجي في سفارة بلاده باسطنبول"، وإن مثل هذه العملية "لابد أن يكون ولي العهد وافق عليها".
لكن وزارة الخارجية الأمريكية وصفت التقارير بأنها "غير دقيقة"، وقال ترامب في مؤتمر صحفي السبت إن الولايات المتحدة ستصدر الاثنين "تقريرا شاملا" عن القضية.
وينفي السعوديون تورط بن سلمان في مقتل خاشقجي.
وردا على سؤال خلال مقابلة مع برنامج "فوكس نيوز صنداي" حول عدم رغبته في الاستماع إلى التسجيل، قال ترامب: "لأنه تسجيل معاناة، تسجيل فظيع...لا يوجد سبب يجعلني استمع إليه".
وأضاف أنه سأل "هل يجب أن استمع إليه؟"، فجاء الرد بأنه "لا يجب أن يستمع إليه".
لكن ترامب أكد على أن الولايات المتحدة لا تريد أن تخسر السعودية كحليف مهم.
وسئل ترامب عما إذا كان بن سلمان كذب عليه عندما نفى أي علاقة له بالقتل، فرد: "لا أعرف، ومن الذي يمكن يعرف الحقيقة. لكن الأكيد أنه له الكثير من الناس. قال لي لا علاقة له بالأمر، قال لي ذلك، ربما خمس مرات في مناسبات مختلفة، وكان آخرها منذ أيام قليلة".
واعترف ترامب بأن أشخاصا مقربين من ولي العهد السعودي ربما يكونوا ضالعين في القضية، ولكنه قال: "أريد أن أقف إلى جانب حليف مهم على أكثر من صعيد".
ويواجه ترامب ضغطا كبيرا من أعضاء الكونغرس الديمقراطيين والجمهوريين الذين يطالبونه باتخاذ إجراءات أقوى ضد السعودية، إذ يقول بعضهم إنه على ترامب تعليق بيع الأسلحة للرياض، والتخلي عن دعم محمد بن سلمان. ولكن الرئيس الأمريكي لا يزال متمسكا بموقفه.
وقررت الإدارة الأمريكية الخميس فرض عقوبات اقتصادية على 17 من المسؤولين السعوديين للاشتباه في علاقتهم بمقتل خاشقجي، ولكن العقوبات لا تطال مسؤولين في الحكومة السعودية.
وتعد السعودية أهم مورد للنفط إلى الولايات المتحدة، وهي حليفتها في مواجهة النفوذ الإيراني في الشرق الأوسط.
وبحسب ما نقلته وكالة رويترز، فقد قال عضو مجلس الشيوخ الجمهوري، ليندزي غراهام، وهو مقرب من ترامب، في حوار مع قناة أمريكية إنه لا يساوره أدنى شك في ضلوع بن سلمان في قتل خاشقجي:
وأضاف غراهام: "هم حليف مهم، لكن ولي العهد، رجل غير متزن وأعتقد أنه أضر كثيرا بالعلاقات بين الولايات المتحدة والسعودية. ولا أعتزم العمل معه مرة أخرى أبدا".

Thursday, October 11, 2018

美国新化学安全法律让大众面临风险

本月早些时候,美国参议院通过了重大修订后的《有毒物质控制法》,这是一部对有毒化学品进行管制的联邦法律。

不幸的是,国会并没有给美国家庭、消费者以及健康受到影响的社区带来他们最渴望的结果,即保证消费品中的有毒化学品不伤害他们的健康。

也正是出于这个原因,各州政府、环境卫生监督组织以及普通大众将继续在防止有毒化学品危害健康方面发挥重要作用。

就在化学产业和许多制造商为新的《有毒物质控制法》额手称庆的时候,环境卫生和消费者权益团体则认识到了这一法案的实质——这是化工巨头的胜利,却是公共卫生的惨败。
《有毒物质控制法》赋予了美国国家环保局在处理有毒化学品问题上新的重要权力。该法律不仅有史以来第一次为国家环保局处理化学品问题设定了可执行的期限和时间表,还从产业所缴纳的费用中拨出了专项资金。

华盛顿有毒物质联盟关于新法案的解读请参见
这里

但是,变化的步调将会很慢。需要采取一些非必要的行动来转移资源,法案中也存在一些漏洞。在该法案下,尽管州政府的权力受到很大损害,但仍然留下了足够的空间让各州从公共卫生的角度对很多(如果不是大部分的话)化学品进行干预。

新法案要求进行化学检验,更便于美国国家环保局对有害化学品进行限制,从这些方面来说的确有所改进。但联邦行动的时间进度和步调都非常缓慢,国家环保局要花上14年时间才能决定对某种化学品进行限制。

在《有毒物质控制法》改革前,如果国家环保局的行动太慢或者不作为,民众可以要求各州提供保护,以免受有毒化学品之害。各州通过了强有力的法律,一再重挫化学产业。过去三十年中,38个州通过了250多项比联邦标准更高的法律。

但是,新的《有毒物质控制法》给各州下了一个“紧箍咒”:一旦国家环保局对某一高度优先化学品展开研究,那么,州政府在长达四年的时间里都不能对其进行限制。化学产业将这一条款作为其底线之一,这毫不令人吃惊。四年的时间足够让厂商从数百万磅的有毒化学品中牟取巨额利润,这些毒物最终都进入了我们的商品、住房、身体和环境之中。

四年也是很长一段时间,足够让孩子们暴露在有害化学品之下,足够让越来越多的人患上与有毒化学品暴露相关的疾病,足够让水道和野生动物的健康恶化。这段时间太长了。正是因为这一点,各州政府、公民大众和监督团体必须继续行动,防止公共卫生受到毒物威胁。

各州要求消费品制造商披露其产品中有毒物质的法律,仍将是决策者和消费者重要的信息来源。各州应该扩大其法律的覆盖范围,要求对更多的消费品和化学物质进行披露。

各州必须继续落实现有毒物法律。这些法律是民众保护自身安全的依靠。各州对于铅基阻燃剂和
邻苯二甲酸盐等化学品的限制让消费者安心,相信产品更加安全,进而实现在全国市场上的逐步取缔,甚至推动联邦政府采取行动。

就华盛顿州而言,该州将实施新的阻燃剂法,包括禁止新的有毒阻燃剂,这还要感谢我们“安全化学品,健康每家人”组织的盟友,他们经过谈判在新法律中添加了一个条款。

化妆品、添加剂和食品包装所使用的化学品不受《有毒物质控制法》管辖。而这些产品是消费者们每天都会用到的,各州可以也应该在必要的时候采取措施。

目前市场上的化学品有超过8万种之多,《有毒物质控制法》改革后各州仍然可以在国家环保局不作为或者管理耗时过长的时候采取行动。各州必须在必要的时候介入并推进联邦政府的行动,继续对国家环保局施加压力,同时通过自己的法律保护其居民和环境,就象过去三十年所做的那样。

《有毒物质控制法》可能不尽如我们所愿,但其改革也是我们要求的结果,在社区、州和联邦层面上都需要更有力的毒物管理法律。这一进程不能终结,也不会终结。